Sunday 25 February 2018

आइये जानिए क्यों होता मानसिक तनाव ? कारण, लक्षण और उपचार



आज हम आपको बताने जा रहे है कि मानसिक तनाव के कारण और लक्षण क्या है और इसका उपचार कैसे करना चाहिए। हम अगर तनाव के बारे में बात करें तो तनाव हमारे शारीरिक या मानसिक सामंजस्य में बाधा उत्पन्न करने वाले उत्प्रेरक के लिए हमारी सामान्य शारीरिक प्रतिक्रिया है। आप जितना भी कार्य कर सकते हैं। उससे और अधिक कार्य करने की आवश्यकता होने पर उत्पन्न होने वाला एहसास ही तनाव है।

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जिस भी समय आप तनावग्रस्त होते हैं। उस समय आपका शरीर एक ऐसी प्रतिक्रिया करता है जिससे लगता है कि आप किसी खतरे में हैं। तनाव का थोडा होना बहुत ही सामान्य सी बात होती है। बल्कि यह उपयोगी होता है अगर आपको परिश्रम करना है या फिर तुरंत कोई प्रतिक्रिया देनी हैं तब यह आपकी सहायता करता है। लेकिन अगर आपको तनाव बार बार और लंबे समय तक रहें तो यह आपकी सेहत के लिए हानिकारक सिद्द हो सकता है।
यदि हम तनाव को आयुर्वेद की दृष्टि से देखें तो तनाव के कई रूप होते हैं जैसे मानसिक तनाव, भावनात्मक तनाव, शारीरिक तनाव आदि अलग अलग तनाव के लिए हमे अलग अलग उपचार की आवश्यकता होती है। अगर हम मानसिक तनाव के बारे में बात करें, तो यह तनाव मस्तिष्क का जरूरत से ज्यादा उपयोग या दुरुपयोग करने से होता है।
अगर आप अधिक समय तक मानसिक कार्य करते हो या फिर कई घंटों तक कंप्यूटर के आगे बैठ कर कार्य करते हो तो आपकी मानसिक गतिविधियाँ, ऊर्जा और दिमाग से जुड़े प्राण वात तत्वों में असुंतलन पैदा होता है। और इसका पहला लक्षण है तनाव को संभालने में असमर्थता् आइये विस्तार से जानते हैं तनाव के लक्षण, कारण और उपचार के बारे में।

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मानसिक तनाव के लक्षण:-

             स्मरण शक्ति की समस्या,
             एकाग्रता की कमी,
             परखने में गलती,
             नकारात्मक पहलू देखना,
             अनवरत चिंता,

भावनात्मक तनाव लक्षण

             नकारात्मक या अवसाद से भरा एहसास,
             स्वयं से निराश,
             अकेलापन,
             मन उचटना,
             भावनात्मक प्रतिक्रियाओं का बढ़ जाना- अधिक रोना या संवेदनशील होना,
             आत्मविश्वास का अभाव,
             गुस्सा,
             आराम न कर पाना।

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शारीरिक तनाव लक्षण

             विभिन्न दर्द और बार बार सर्दी होना,
             अतिसार और कब्ज,
             मतली और चक्कर आना,
             छाती में दर्द,
             यौन इच्छा में कमी,
             अपचन और गडगडाहट,
             ह्रदय गति में तेजी,

स्वभाव से जुड़े लक्षण

             कम या अधिक खाना,
             कम या अधिक सोना,
             अपने आप को दूसरों से अलग रखना,
             कोई भी जिम्मेदारी लेने से बचना,
             विश्राम के लिए मदिरापान, धुम्रपान या नशीली दवाओं का सेवन करना,
             तनाव के कारण।

बाह्य कारण

             जीवन में बड़े परिवर्तन,
             आर्थिक समस्याएं,
             कार्य,
             संबंधो में समस्याएं,
             अत्यधिक व्यस्त होना,
             बच्चे और परिवार,

आंतरिक कारण

             अनिश्चितता को स्वीकार न कर पाना,
             अवास्तविक उम्मीदें,
             स्वयं से नकारात्मक बातें।


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मानसिक तनाव के लिए घरेलू उपाय – Home remedies for depression and tension in hindi

1. धीमी और गहरी साँस लें

जब भी आपको लगता है कि आप डिप्रेशन में हो तब आपको आरामदायक स्थान पर बैठ कर धीमी और गहरी सांस लेनी चाहिए। इससे आपका डिप्रेशन काफी हद तक कम हो जाता है जब आप गहरी सांस लेते हैं तब आपके शरीर को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन मिलती है। जो आपके दिमाग को शांत करने में मदद करती है। अगर आप नियमित रूप से बीस से तीस मिनट तक इसे करते हो तब आपको कभी भी स्ट्रेस नहीं होता। इससे सोचने की शक्ति बढ़ती है।
जिससे आपको डिप्रेशन से लड़ने में और अधिक मदद मिलती है। इसके लिए एक स्थान पर बैठ जाएं या लेट जाएं। अब अपनी आँखें बंद के लें और नाक से पांच बार लंबी लंबी साँसे लें। सांस लेते समय कुछ देर के लिए अपनी साँस को अंदर ही रोक के रखें और बाद में पूरी साँस बाहर निकालें।

2. विटामिन बी युक्त आहार

तनाव को अपने ऊपर हावी होने से रोकने के लिए और अपने मूड को बेहतर बनाने के लिए विटामिन बी बी1, बी2, बी3, बी5, बी6, बी7, बी9 और बी12 युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन अधिक मात्रा में करें। यह विटामिन दिमाग और नर्वस सिस्टम की कार्य क्षमता को बढाते है और साथ ही आपकी थकान हो दूर करते हैं। विटामिन बी युक्त खाद्य पदार्थ अनार, मटर, मूंगफली, पालक, गोभी, शीरा, आलू, केला, फलियाँ, अंडा और दूध आदि होते हैं। जब शरीर में विटामिन बी की कमी आती है तब शरीर में डिप्रेशन और उदासीनता होती है। इसलिए जब भी आप डिप्रेशन में हो तो विटामिन बी पदार्थों का सेवन करें।

3. सेंधा नमक का प्रयोग

सेंधा नमक डिप्रेशन को दूर करने का एक बहुत ही कारगार उपाय है। डिप्रेशन के कारण हमारे शरीर में सोचने की शक्ति कम हो जाती है। सेंधा नमक में मैग्नीशियम की भरपूर मात्रा पाई जाती है जो आपके मूड को बेहतर बनाता है। साथ ही आपके दिमाग की शक्ति को बढ़ाता है। इसका सेवन करने से डिप्रेशन कम होता है और साथ ही चिंता, चिडचिडापन, नींद न आना जैसी समस्याएँ खत्म हो जाती है। इसका प्रयोग करने के लिए गर्म पानी के एक टब में एक चम्मच सेंधा नमक डाल लें। अब इस पानी में नमक को अच्छे से घोलें। अब इस पानी में बीस मिनट के लिए बैठ जाएं। तनाव से मुक्त रहने के लिए इस उपाय को हफ्ते में दो से तीन बार जरुर करें।

4. मसाज करें

डिप्रेशन को दूर करने के लिए मसाज बहुत ही उतम उपाय है। इससे डिप्रेशन कम करने में बहुत ही सहायता मिलती है। मसाज करने से हाथ, पैर, पीठ, सिर की मांसपेशियों को मजबूती मिलती है और इससे ब्लड सर्कुलर बेहतर होता है। मसाज करने के लिए आप तिल या नारियल के तेल का इस्तेमाल कर सकते हो। इसके लिए तेल को पहले हल्का सा गर्म करें। अब इस तेल से अपने सिर, पैरों के तलवे, हाथ और पीठ की मसाज करवाएं। मसाज के बाद गर्म पानी से नहायें। जब आप नियमित इसे करते हो तब आपको कभी स्ट्रेस नहीं होता।

5. अश्वगंधा का प्रयोग

अश्वगंधा तनाव से लड़ने के लिए काफी कारगार उपाय है। एक शोध के अनुसार अस्वगंधा की जड़ कोलेस्ट्रोल को कम करने में काफी मदद करती है। इससे हमारे शरीर की डिप्रेशन से लड़ने की शक्ति भी बढ़ती है। इसके साथ ही यह नर्वस सिस्टम को मजबूत करता है। इससे ऊर्जा बढ़ती है, थकान दूर करता है और इससे नींद की समस्या भी दूर होती है। इसका इस्तेमाल करने के लिए अस्वगंधा की सूखी जड़ें लें। यह आपको बाजार से आसानी से मिल जाती है। इन जड़ों की एक से दो ग्राम मात्रा लें और उसे एक कप दूध में गर्म करके दिन में तीन बार सेवन करें।

6. तुलसी का प्रयोग

तुलसी तनाव को दूर करने वाली एक कारगार औषधि होती है। यह एक ऐसा हर्बल है जो आपको शारीरिक और मानसिक तनाव से लड़ने में मदद करता है। इसके लिए तुलसी की पत्तियों के रस को चाय में डालकर इसका सेवन नियमित रूप से करें और दिन में दो बार तुलसी की दस और बारह पत्तियों को चबाकर खाएं।

7. ग्रीन टी का सेवन

अगर आप एक कप ग्रीन टी का सेवन नियमित रूप से करते हो तो आप तनाव से आसानी से मुक्त रह सकते हो। इसका सेवन करने से स्ट्रेस कम होता है। इसका सेवन करने के लिए ग्रीन टी की पत्तियों की दो चम्मच को एक कप गर्म पानी में डालें। अब इसे ढंक कर पांच मिनट के लिए रख दें। अब इसमें स्वादानुसार नींबू का रस और शहद डाल दें। आपकी ग्रीन टी तैयार है। आप इस चाय के दो से तीन कप दिन में ले सकते हैं।

8. व्यायाम करें

व्यायाम करने से शरीर में स्ट्रेस हार्मोन लेवल कम होते हैं। इसलिए आप जब भी स्ट्रेस में हो तब कोई न कोई व्यायाम जरुर करें जैसे टहलना, तैराकी या फिर कोई आउटडोर गेम खेलना। डिप्रेशन से लड़ने के लिए आप योग का भी सहारा ले सकते हैं। मेडिटेशन करने से दिमाग शांत होता है और तनाव भी दूर होता है।

9. अन्य उपचार

             दिन में दो या तीन बार दूध या शहद के साथ एक ग्राम काली मिर्च का सेवन करें।
             अपने आहार में गर्म दूध के साथ पांच बादाम लें।
             दूध या पानी के साथ सूखी अदरक का लेप बना कर माथे पर लगाएं।
             एक छोटे तौलिये को ठंडे पानी में डुबोकर निचोड़ लें और कुछ समय के लिए इसे माथे पर रखें।
             सोने से पहले दूध में गुलकंद मिलाकर पियें। इससे आपको लाभ मिलेगा।
             आधे घंटे तक सोने से या अंधेरे कमरे में लेटने से तनाव कम होता है।


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