दुनियाभर में थायराइड एक ऐसी बीमारी बन चुकी है जिससे
बहुत अधिक लोग परेशान हैं। बिगड़ते
लाइफस्टाइल और खान-पान के कारण थायराइड की समस्या पुरुषों की तुलना में महिलाओं को
कई गुना अधिक होती है। यह मेटाबॉलिज्म से जुड़ी बीमारी है। गर्दन के सामने और स्वर
तंत्र के दोनों तरफ होती है। ये ग्रंथी तितली के आकार की होती है। थायराइड दो तरह
का होता है - हाइपरथायराइडिज्म और हाइपोथायराइड।
थायराइड के मरीज़ में वजन अचानक से बढ़ जाता है या कभी अचानक से कम हो जाता है। थायराइड को ठीक करने के लिये दवाइयां हैं लेकिन यह कुछ ही समय तक काम करती हैं। यदि आपको थायराइड को दूर करना है तो आपको अपनी डाइट में कुछ ऐसी चीजों का सेवन करना होगा जो इस बीमारी को जड़ से खतम कर दे। आइये जानते हैं कौन सी हैं वे चीज़ें...
थायराइड में इन चीजों का करे सेवन: –
आयोडीन-
थायरायड के मरीज
को आयोडीनयुक्त भोजन करना चाहिए। आयोडीन थाइराइड ग्रंथि के दुष्प्रभाव को कम करता है।
साबुत अनाज-
आटे की तुलना में साबुत अनाज में ज्यादा मात्रा में
विटामिन, मिनरल, प्रोटीन और
फाइबर होता है। अनाज खाने से शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढती है। पुराना भूरा
चावल, जई, जौ, ब्रेड,
पास्ता और पापकॉर्न खाना चाहिए।
बादाम, काजू और सूरजमुखी के बीज:-
ऐसे आहार जिसमें आयरन और कॉपर पर्याप्त मात्रामें प्राप्त
हों, इनके सेवन से थायराइड के फंक्शन में मदद
मिलती है। आयरन पाने के लिये आपको अपनी
डाइट में बादाम, काजू और सूरजमुखी के बीज खाने चाहिये।
मछली-
नॉन वेज पसंद करने वालों को मछली जरुर खानी चाहिये क्योंकि
इसमें ज्यादा मात्रा में आयोडीन पाया जाता है। वैसे तो सभी मछलियों में आयोडीन
पाया जाता है, लेकिन समुद्री मछलियों में ज्यादा
मात्रा में आयोडीन होता है। इसलिए समुद्री मछली जैसे, सेलफिश
और झींगा खाना चाहिए जिसमें ज्यादा मात्रा में ओमेगा-3 फैटी
एसिड पाया जाता है। ट्यूना, सामन, मैकेरल,
सार्डिन, हलिबेट, हेरिंग
और फ़्लाउंडर, ओमेगा -3 फैटी एसिड की
शीर्ष आहार स्रोत हैं।
फल और सब्जियां –
फल और सब्जिया एंटीऑक्सीडेंट्स का प्राथमिक स्रोत होती
हैं जो कि शरीर को रोगों से लडने में सहायता प्रदान करती हैं। सब्जियों में पाया
जाने वाला फाइबर पाचन क्रिया को मजबूत करता है जिससे खाना अच्छेसे पचता है।
दूध और दही–
दूध और दही में पर्याप्त मात्रा में विटामिन, मिनरल्स, कैल्शियम और अन्य पोषक तत्व पाए जाते हैं।
दही खाने से शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढती है। प्रोबायोटिक्स थाइराइड
रोगियों में गैस्ट्रो इंटेस्टाइनल को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है।
सोया-
सोया मिल्क, टोफू या
सोयाबीन में ऐसे रसायन पाए जाते हैं जो हार्मोन को सुचारू रूप से काम करने में मदद
करते हैं। लेकिन इसके साथ साथ आपको आयोडीन की मात्रा को भी नियंत्रित रखना होगा।
मुलेठी-
जिन लोंगो को थायराइड होती है उन्हें मुलेठी का सेवन
करना चाहिये। इसमें ऐसे पोषक तत्व पाए जाते हैं जो थायराइड ग्रंथि को संतुलित करन
में मदद करता है और थकान को मिटाता है।
हरी और पत्तेदार सब्जियां-
थायरायड ग्रंथि की क्रियाओं के लिए अच्छी होती हैं। हाइपरथाइराइजिड्म
हड्डियों को पतला और कमजोर बनाता है इसलिए हरी और पत्तेदार सब्जियों का सेवन करना
चाहिए जिसमें विटामिन-डी और कैल्शियम होता है जो हड्डियों को मजबूत बनाता है। लाल
और हरी मिर्च, टमाटर और ब्लूबेरी खाने में शरीर के अंदर
ज्यादा मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट जाता है। इसलिए थायरायड के रोगी को फल और हरी
सब्जियों का सेवन करना चाहिए।
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